Ajith kumar Ki Jeevani In Hindi
अजित कुमार(Ajith kumar) एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं, जो तमिल फिल्म उद्योग के अग्रणी अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं| रोमांचक मनोवैज्ञानिक फिल्म आसई (Aasai) जो की 1995 में महत्त्वपूर्ण मान्यता पाने से पहले उन्होंने अपना भविष्य तेलुगु फिल्म से शुरू किया| फिर एक के बाद एक सफल फिल्मों की एक डोर बनती गई, जिसने शुरू में अजित को एक रोमांटिक हीरो, उसके बाद एक्शन हीरो और अंततः एक जन प्रतीक के रूप में स्थापित कर दिया|
वह अक्सर अपने अभिनय के लिए तारीफ पाते रहे और उन्हें तीन फिल्मफेयर तमिल सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार मिले| सभी तीनो पुरस्कार उन फिल्मों के लिए मिले, जिनमें वह विविध भूमिकाओं में प्रदर्शित हुए| अजित मुख्यतः बड़ी स्टूडियो फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाते हैं, जो रोमांटिक कॉमेडी से लेकर नाटकीय और रोमांचक एक्शन तक होती हैं| अपने अभिनय के अलावा, अजित ने 2004 में ब्रिटिश फॉर्मूला के तीन सत्रों में एक पेशेवर रेसर के रूप में भाग लिया था।
अजित कुमार(Ajith kumar) का जन्म 1 मई 1971 को भारत में हैदराबाद में हुआ था| उनके पिता सुब्रमण्यम चेन्नई, तमिलनाडु से हैं| उनकी माँ मोहिनी कोलकाता, पश्चिम बंगाल से है| अजित ने स्वयं -स्वच्छता और नागरिक चेतना को बढ़ावा देने के लिए और शहरी फैलाव की समस्याओं को काम करने में मदद करने के लिए अपने माता पिता के नाम पर “मोहिनी -मणि फाउंडेशन ” नामक गैर -लाभकारी संस्था बनाई| अजीत तीन भाइयों में से एक मध्य बेटा था, दूसरों को अनूप कुमार, न्यूयॉर्क में एक शेयर दलाल और सिएटल में काम कर रहे आईआईटी मद्रास स्नातक अनिल कुमार थे| अजित की दो छोटी सी जुड़वा बहनें थीं, और दोनों की ही मृत्यु हो गयी थी|
अजित हैदराबाद, भारत के एक सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में मंझले बच्चे के रूप में पैदा हुए, जिनका फिल्म उद्योग से कहीं कोई सम्बंध नहीं था| वह चेन्नई, तमिलनाडु में पले बढे| उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करने से पहले ही 1986 में असन मेमोरिअल उच्च माध्यमिक स्कूल छोड़ दिया|
उन्होंने एक मेकेनिक के रूप में काम शुरू किया और अपने लिए एक चालक लाइसेंस प्राप्त कर लिया जो कार दौड़ में उनकी रूचि के अनुरूप था| अजित को कार रेसिंग के अपने पेशे को बनाए रखने के लिए, 18 साल की उम्र में ही नौकरी करनी पड़ी| उन्होंने एक कपड़ा निर्यात कंपनी में प्रशिक्षु के रूप में प्रवेश किया, फिर व्यापारी बन गए, साथ ही अखबारों तथा टीवी के लिए छोटे मोटे विज्ञापन करते रहे| उन्होंने दौड़ में बहुत सारा पैसा लगाया| वह दोस्तों से टायर उधार लिया करते थे और जब चेन उतर जाती थी तब वह दोस्त उनकी मदद करते थे, कियोंकी उस दौरान दौड़ में कमाई नहीं थी|
एक दुर्घटना के बाद, कई व्यापार एजेंसियों ने उन्हें प्रिंट मीडिया की विज्ञापनों के लिए मॉडलिंग में डाल दिया| उन्हें फिल्मों और दौड़ के बीच चुनाव करना था और चूंकि फिल्मों के ज्यादा अवसर थे तथा उनसे कुछ पैसा हासिल हो रहा था, इसलिए उनहोंने फिल्मों पर अपना ध्यान देना शुरू कर दिया|
20 साल की उम्र में अजीत ने 1 99 2 में तेलुगू फिल्म प्रेमा पुस्तागम में एक अभिनेता के रूप में अपना फिल्म कैरियर शुरू किया था| उनकी अगली फिल्म एक सुपरहिट तमिल फिल्म अमरवती थी| उनकी दूसरी तमिल फिल्म पविथरा को 17 महीने के लिए देरी हुई थी क्योंकि रेसिंग की चोट ने उन्हें बिस्तर से ग्रस्त छोड़ दिया था| दोनों फिल्मों ने तमिल दर्शकों से बहुत सराहना की| यह उनकी तीसरी तमिल फिल्म थी, जो 1995 में 10 महीनों बाद रिलीज़ हुई थी, वैसाथ द्वारा निर्देशित आसाई और मणि रतनम द्वारा निर्मित, जिसने कोलियुड में अभिनेता के रूप में अपना करियर बनाने में मदद की|
इस अवधि के दौरान, अजित अपने प्रशंसकों और मीडिया में सिर्फ एक रोमांटिक नायक के रूप में ही नहीं, बल्कि बड़े परदे पर एक स्टाइलिश एक्शन नायक के रूप में देखे जाने लगे| हालांकि, इस अवधि में भी उनकी ‘न कोई विशेष’ नीति के कारण मीडिया के साथ बढती दरार देखी गई|
सन 2001 में, अजित, ए.आर.मुरुगादासकी पहली फिल्म दीना में लैला मेहदींन और सुरेश गोपीके साथ नज़र आए| फिल्म ने अप्रत्यक्ष रूप से अजित कि एक नई छवि की शुरुआत की, जिसने एक्शन हीरो के रूप में आम जनता को अपील किया| इसके अलावा, इस सफल फिल्म में अजित का उपनाम तलई, अर्थात तमिल के लिए नेता, उनके प्रशंसकों और मीडिया के बीच उनका ब्रांड लेबल बन गया| उनकी अगली परियोजना सांस्कृतिक फिल्म सिटिज़न थी, जिसमें अजित को दस अलग अलग रूप में चित्रित किया गया| इस फिल्म में उन पर दूरतम सितारे के रूप में टिप्पिनी की गई| यह मानद उपाधि उनकी सभी फिल्मों में पूरे दशक इस्तेमाल किया गया| भावपूर्ण नाटक पुवेल्लाम उन वासम में ज्योतिका के विपरीत उनकी भूमिका ने व्यावसायिक एवं समालोचनात्मक सफलता दिलवाई, साथ ही तमिलनाडु राज्य द्वारा, विशेष सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार प्राप्त करवाया| वर्ष के अंत में अजित, संतोष शिवन की हिन्दी परियोजना अशोका (Asoka) में शाहरुख खान के साथ एक संक्षिप्त नकारात्मक भूमिका में दिखाई दिए|
वर्ष 2002 में अजित तीन फिल्मों में नज़र आये, पहली दो फिल्म रेड और राजा ने औसत कारोबार किया| लेकिन तीसरी फिल्म विलेन जिसमें अजित ने दोहरी भूमिकाएं निभाई, एक, मानसिक रूप से बीमार विकलांग की, जो बॉक्स ऑफिस पर 5 करोड़ डॉलर से अधिक की कमाई करने वाली ब्लोक्बस्तर फिल्म बनी और अजित को अपना दूसरा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता पुरस्कार भी मिला| तब तक, वितरकों को अजित की प्रसिद्धि मूल्य का अंदाजा हो गया था और उन्हें किंग ऑफ़ ओपनिंग की मान्यता मिली दे दी गई|
अगले कुछ वर्ष, 2003 से 2005 तक, अजित को बहुत कम फिल्मों में देखा गया, कियोंकि उनका ध्यान मोटर कार रेसिंग की तरफ रहा| वर्ष 2003 में उनकी लम्बे अरसे से विलंबित फिल्म एन्नेइ तालाट वरुवाला और पुलिस-रोमांचक अन्जनेया रिलीज हुई।
स्नेहा के साथ उनकी अगली फिल्म जाना की आलोचकों द्वारा निंदा की गई जबकि सरन की फिल्म, अट्टागसम सफल साबित हुई| फिल्म में अजित को दोहरी भूमिकाओं में देखा गया और थलाइ दीपावली गीत उनकी एक्शन हीरो की छवि को बढ़ावा देने के लिए लिखा गया जिसने मीडिया में उनके उपनाम तलई को और मज़बूत कर दिया|
अजित एक पेशेवर “कार रेसर” हैं और उन्होंने भारत के कई जगहों जैसे मुंबई, चेन्नई और दिल्ली की परिक्रमा की है| वह कई दौड़ में भाग लेने के लिए विदेश भी गए हैं, जिनमे जर्मनी और मलेशिया शामिल हैं| उन्होंने 2003 में एशिया बीएमडब्ल्यू चैंपियनशिप में भाग लिया|