Vrindavan Premanand ji Maharaj Ke pravachan, प्रेमानंद महाराज की कथा, प्रवचन

प्रेमानंद महाराज की कथा, प्रवचन सभी को सुनना बहुत पसंद है। प्रेमानंद महाराज की कथा पूज्य प्रेमानंद महाराज जी का जन्म एक विनम्र और अत्यंत पवित्र ब्राह्मण (पांडेय) परिवार में हुआ था और उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। उनका जन्म अखरी गांव, सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था।प्रेमानंद महाराजः जो वृन्दावन में रहते हैं उन्हें कौन नहीं जानता। जो अपने ज्ञान और प्रेम भरी वाणी से महाराज जी अपने भक्तों का उधार कर रहे हैं। प्रेमानंद जी महाराज के विचार सभी उम्र के लोगों को पसंद आते हैं। महाराज जी की सबसे ख़ास बात यह है की वे बड़ी सरलता से अपने सभी भक्तों के कठिन से कठिन प्रशनों का उतर बड़ी सरलता से दे देते हैं। प्रेमानंद जी महाराज के विचार जीवन सभी के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं। हम बहुत भाग्यशाली हैं की ऐसे महान संत के विचार हमें सुनने को मिलते हैं। इस पोस्ट में पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द जी महाराज के अनमोल विचार विचार शेयर किया गया है – Shri Premanand ji Maharaj ji Pravachan, Quotes in hindi।आप महाराज जी के सूंदर विचारों को Good Morning Images के तोर पर इस्तेमाल कर अपने ख़ास मित्रों और सगे संभधियों तक भेझ कर उन्हें भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

निराश मत होना अगर आज भोजन नहीं है भगवान पे विश्वास रखो और सच्चे मार्ग पे चलो। एक दिन आप भंडारा करने के लायक हो जाओगे।

बच्चों का सही मार्गदर्शन करना हर माता-पिता की प्राथमिक जिम्मेदारी है। जब बच्चे गंदे विचारों, गंदे आचरण, और गंदी कुसंगति से दूर रहते हैं, तो ही वह समाज में सकारात्मक योगदान कर पाते हैं।

धर्म से चलें, अच्छा आहार लें, अपने माँ बाप की सेवा करें और देश की सेवा करें।

पूरा जीवन मुशीबतों से भरा हुआ है।भगवान को नहीं छोड़ोगे तो कोई भी चिंता तुम्हें नहीं डरा सकती। भगवान का भजन करो, जैसी भी परिस्थिती आती है हमारे कर्मों के अनुसार आ रही है। जब चिंतन भगवान से होगा, तो भगवान खुद आके संभालेंगे।

नाम रुपी धन, अच्छे कर्म, और बुजुर्गों की सेवा से हम असली ख़ुशी प्राप्त कर सकते हैं, ईश्वर का नाम जप करने से जीवन को सार्थक कर सकते हैं।

बहुत ही सूंदर और अनमोल प्रेमानंद महाराज के प्रवचन मैं से एक जीवन में असली सुख-शांति की तलाश है तो वह धन या संपत्ति में नहीं, बल्कि नाम और अच्छे कर्मों में है। जब हम बुजुर्गों की सेवा करते हैं, तो उनसे मिलनेवाली आशीर्वाद से हमारा जीवन रोशन होता है। ईश्वर का नाम जपने से हमें वो अदृश्य ऊर्जा मिलती है, जिससे हमारे जीवन में एक नई दिशा और उद्देश्य की पहचान होती है। ये सब ही चीज़ें हमें असली मायने में जीवन की मूल्यवानता और उसके असली मोती को समझाते हैं।

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मन को भोगों और विषय विकारों से बचाना है तो नाम रुपी मार्ग में लगना चाहिये।

जीवन की इस चंचल दौड़ में, जहाँ हमारा मन भोग और विषय विकारों की ओर खिंचा जाता है, वहीं एक सुकून भरा, आत्मिक पथ भी हमें बुलाता है। नाम रुपी इस पवित्र मार्ग पर चलकर ही हम अपने आपको उन सभी विकारों से दूर और उच्चतम सत्य की ओर प्रस्थित हो सकते हैं। यह मार्ग हमें न केवल अध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचाता है, बल्कि इससे हम जीवन के असली मायने और उसकी गहराइयों को भी समझ सकते हैं। अगर चाह हो तो आज ही इस अद्वितीय यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं।

हम बहुत शोभाग्य शाली हैं की हमें इस कलयुग रुपी जीवन में एक पवित्र संत प्रेमानंद महाराज की कथा और सत्संग सुनने का मौका मिलता है।

अपनी इन्द्रियों और अपने मन को निरंतर को सत्य और ईश्वर भजन मार्ग में लगाने से भगवद प्राप्ति कर सकते हैं।

अशुभ कर्मों के दंड से अगर बचना है, तो प्रभु का नाम जप करो। राधा नाम का उच्चारण करने से कर्म आपको दंड नहीं दे सकते।

जब नाम जप करेंगे एक ऐसी स्थिति आएगी हर दुःख और हर निंदा को हस के सह जायें। सुन्दर से सुन्दर भोग आपके सामने हो आपको भोगने की इच्छा नहीं होगी। तब आप निष्पाप हो गए हैं।

जीवन की उस अद्वितीय यात्रा में, जब हम नाम का जप करते हैं, वह समय निकट आता है जब हमारी आंतरिक शक्तियाँ जाग्रत होती हैं। वह दिन भी आता है जब दुःख और निंदा हमें छू भी नहीं सकते, हम उसका सामना हंसते हुए करते हैं। जब सब कुछ हमारे चरणों में पड़ता है, सबसे सुंदर भोग भी, फिर भी उस भोग में रुचि नहीं होती, क्योंकि हम अब उस आध्यात्मिक ऊंचाई पर पहुँच चुके होते हैं जहाँ सच्चाई और अनंत सुख की खोज में हमारा मन लगा रहता है। उस पल, जब विश्व की सभी चीज़ों की इच्छा हमसे दूर हो जाती है, हम सचमुच में निष्पाप हो जाते हैं। वही पल है जब हमारी आत्मा स्वतंत्र होती है और हम असली अर्थ में जीवन को समझते हैं।

अगर हमारे पास नाम रुपी धन है और भाव देह मिल जाये, तो जीते जी मृत्यु का डर खत्म हो जायेगा।

क्रोध को नियंत्रण करने के लिए सबसे पहले आहार ठीक करो। नाम जप करो, अच्छा आहार करो, जब कोई गुस्सा दिलाने वाली बात करे तो निस्चित करें भगवान आपके पाप को नष्ट करने के लिये कोई लीला रच रहे हैं।

अगर अपने मन को शांत करना है, तो हमें अपने मन को नाम रुपी अभ्यास मैं लगाना पड़ेगा। राधा कृष्ण ही एक सर्व श्रेष्ठ नाम है जो आपका उधर कर सकता है।

मन की एक -एक वृति पर वही नज़र रख सकता है, जिसने मन से अपनापन हटा लिया है। जो गुरु आश्रित / गुरु मुखी हो जाता है, वह मन पर विजय प्राप्त कर लेता है।

अगर भगवान के आश्रित हो तो आपकी हर विपत्ति भी संपत्ति बन जायेगी और यदि भगवान से विमुख हो तो हर संपत्ति भी भारी विपत्ति बन जायेगी।

माया से वही बच सकता है, जिसने प्रभु का आश्रय ले लिया है। माया की इतनी सामर्थ्य नहीं हैं कि भगवान के भक्त को नष्ट कर सके।

जब तक हमारे पाप कर्म नष्ट नहीं हो जाते, तब तक कोई भी हमें सुख प्रदान नहीं का सकता। जहाँ पाप कर्म नष्ट होगा तो अपने आप दुःख मिट जायेगा। प्रभु का नाम जब करने अथवा कीर्तन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।